बात है 18 जून 2023 की, जब टाइटैनिक के मलबे को देखने के लिए दुनिया के पांच अमीर यात्री टाइटन submersible में बैठकर समुद्र में उतरे थे।  पर समुद्र में उतरने के 2 घंटे के बाद ही उनका कनेक्शन टूट गया।  इसे ढूंढने के लिए अमेरिका, कनाडा, फ्रांस और ब्रिटेन के Coast Guards जुट गए थे। 

अब इसी बीच 22 जून को खबर आई कि टाइटन सबमर्सिबल implode यानि कि अन्दर की ओर फट गई है और उसमें सवार सभी पांच लोग मर गए हैं।  

फिर 28 जून को अमेरिकी coast guards से जानकारी मिलती है कि कि उन्होंने टाइटन सबमर्सिबल के मलबे से मानव अवशेष बरामद कर लिए हैं जिन्हें अमेरिका वापस लाया जा रहा है। 

 

आज के इस लेख में हम जानेंगे,  कि ऐसा क्या हुआ कि ये टाइटन सबमर्सिबल समुद्र में implode हो गई और आखिर क्या वजह थी कि वो   5 लोग अपनी जान को दांव पर लगाकर टाइटैनिक के मलबे को देखने गए। 

 

15 अप्रैल 1912, आज से करीब 111 साल पहले, उत्तर अटलांटिक महासागर में टाइटैनिक नाम का एक जहाज डूब गया था। इसमें करीब 1,500 लोगों की मौत हो गई और 1985 में यानी कि इस  हादसे के 73 साल बाद में कनाडा के पास न्यूफाउंडलैंड के पास इस टाइटैनिक शिप का मलबा मिला। ये मलबा समुद्र के लगभग 13 हजार फीट नीचे था।

 

 

अब बात करते हैं उन लोगों की जिनके पास बहुत सारा पैसा है और जो करोड़ों की टिकट खरीदकर सिर्फ रोमांच और शौक के लिए  ऐसी खतरनाक जगहों पर जाते हैं जहाँ उनकी जान भी जा सकती है।  कुछ इसी तरह इस टाइटैनिक मलबे की खबर लगते ही लोग इसे explore करने के लिए जाने लगे। 

 

 

अटलांटिक कनाडा में पड़े इस मलबे को दिखाने के लिए अमेरिकी कंंपनी ओशेनगेट ने 2021 में टाइटैनिक टूरिज्म की शुरुआत की। 18 जून को जो टाइटन पनडुब्बी (titan submersible) गायब हो गए थी, वो 1 पायलट समेत 4 यात्रियों को लेकर टाइटैनिक टूरिज्म पर ही गई थी। 

टाइटन पनडुब्बी, 16 जून को कनाडा के सेंट जॉन से  प्रिंस पोलर mothership चला और 18 जून सुबह 9:30 बजे इसने टाइटन पनडुब्बी को समुद्र में नीचे उतार दिया।   

 

 

सुबह 11:47 बजे उनका मदरशिप पोलर प्रिंस  के साथ आखिरी संपर्क हुआ। शाम 6:10 बजे, यह टाइटन पनडुब्बी अटलांटिक महासागर में 12000 फीट नीचे गई थी। उसके बाद यह टाइटन पनडुब्बी लापता हो गई। चार दिन तक टाइटन पनडुब्बी को खोजने के बाद 22 जून को इसका मलबा टाइटैनिक जहाज से 1600 मीटर दूर मिला था। इसमें 4 टूरिस्ट और एक पायलट सवार था।

22 जून गुरुवार दोपहर तक, अधिकारियों ने पुष्टि की कि सबमर्सिबल फट गया है। यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि जहाज वास्तव में कब फटा होगा।

 

Submersible और Submarine में अंतर 

 

Submersible और submarine, सुनने में एक जैसे लगते हैं पर दोनों एक दूसे से अलग-अलग हैं। 

 

 

Submarine एक underwater vessel है जिसमें पानी के नीचे स्वतंत्र काम करने की पर्याप्त उर्जा होती है।  इसे किसी अन्य जहाज की सहायता की ज़रुरत नहीं होती है। इसका मतलब यह है कि एक Submarine स्वतंत्र रूप से समुद्र के तल तक जा सकती है और वापस आ सकती है।

 

 

Submersible एक watercraft है जिसे पानी के अन्दर काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।  एक सबमर्सिबल में बहुत सीमित ऊर्जा संचय होता है इसलिए इसे एक मदर शिप की आवश्यकता होती है जो इसे लॉन्च कर सके और इसे पोर्ट तक वापस ला सके।

 

टाइटन पनडुब्बी (titan submersible) का बचाव अभियान चलाना बहुत मुश्किल था। अमेरिकी नेवी की ज्यादातर submarines 800 फीट की गहराई तक जा सकती हैं। दुनिया में अब तक सबसे ज्यादा 1575 फीट की गहराई तक बचाव अभियान चलाया गया है। 1973 में रोजर चैपमैन और रोजर मैलिन्सन तीन दिनों तक कनाडा के करीब समुद्र में अपनी Submarine Pisces III के साथ गायब हो गए थे। तब उन्हें बचा लिया गया था, लेकिन टाइटैनिक का मलबा लगभग 13,000 फीट गहराई में है। इसीलिए इस टाइटन पनडुब्बी पर सवार लोगों को बचा पाना काफी मुश्किल था।

 

 

 

क्या होता है Catastrophic Implosion?

 

टाइटैनिक जहाज के मलबे को दिखाने गई टाइटन पनडुब्बी का मलबा लापता होने के लगभग 6 दिन बाद मिल गया। इसे कई टुकड़ों में कनाडा के सेंट जॉन पोर्ट पर लाया गया। रिसर्च के बाद विशेषज्ज्ञों ने बताया कि यह हादसा एक catastrophic implosion है। Catastrophic Implosion का मतलब है  अत्यधिक आंतरिक दबाव (internal pressure) के कारण जहाज या submarine का अचानक अंदर की ओर फट जाना।

 

 

टाइटैनिक जिस गहराई पर है, वहां लगभग 5,600 पाउंड per square inch का दबाव है जो कि ज़मीन पर हमारे द्वारा अनुभव किए गए दबाव से कई सौ गुना होता है। यह implosion इतना तेज़ी से होता है कि इससे पहले कि अंदर मौजूद लोगों को एहसास हो कि कोई समस्या है, पनडुब्बी फट चुकी होगी।

BBC के मुताबिक, टाइटन पनडुब्बी के मलबे में लैंडिंग फ्रेम, रियर कवर सहित 5 हिस्से बरामद किए गए हैं। कोस्ट गार्ड ने बताया कि टाइटन पनडुब्बी का काफी सारा मलबा अभी टाइटैनिक जहाज के पास है। उसे भी जल्द ही निकालने की कोशिश की जाएगी। 

 

 

Titan Submersible की सरंचना  

 

 

Titan submersible ओशन गेट कंपनी ने बनाई है। इसका साइज एक ट्रक के बराबर है। ये 22 फीट लंबी और 9.2 फीट चौड़ी है। Titan submersible को कार्बन फाइबर से बनाया गया है​​​​​​। टाइटैनिक का मलबा देखने जाने के लिए इसमें per person लगभग 2 करोड़ रुपए फीस ली गई। ओशनगेट के अनुसार, टाइटन का वजन 23,000 पाउंड था और यह कार्बन फाइबर और टाइटेनियम से बना है। इसमें 96 घंटों का ऑक्सीजन लाइफ support है। 

 

 

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